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मकर संक्रांति| Makar Sankrant

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|| मकर संक्रांति| Makar Sankrant ||

|| मकर संक्रांति ||

मकर संक्रांति प्रत्येक वर्ष १४ जनवरी को मनाया जाता है। यह त्यौहार देवता सूर्य को समर्पित है। मकर संक्रांति हिंदू कैलेंडर में कुछ चुने हुवे त्योहारों में से एक है जो सौर चक्रों के अनुसार मनाये जाते हैं, जबकि अदिकांश त्यौहार चंद्र चक्रों के अनुसार मनाये जाते हैं। मकर संक्रांति पर सूर्य धनु राशि से निकल के मकर राशि में प्रवेश करता है और इसी दिन से सूर्य की उत्तरायण गति भी प्रारंभ होती है। एक मान्यता ये भी है की मकर संक्रांति के दिन पिता सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने जाते हैं, चुंकि शनि देव मकर राशि से स्वामी हैं इसलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। मकर संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्त्व है। मकर संक्रांति को उत्तर भारत में हिंदुओं और सिखों द्वारा लोहड़ी , गुजरात में उत्तरायन , आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में पेद्दा पांडगा, असम में बिहू और दक्षिण भारत में पोंगल के रूप में मनाया जाता है।

||Makar Sankrant ||

Makar Sankranti is celebrated every year on 14th January. This festival is devoted to the god SUN. It is one of the few festivals in Hindu calendar, that are celebrated according to solar chakras, whereas most of the festivals are celebrated according to the moon chakras. On Makar Sankranti, the sun transits from Sagittarius to Capricorn and also from this day the rotational motion of the Sun begins. Another belief is that the father SUN goes to meet his son Shani, as Shani Dev is the master of Capricorn, hence it is known as Makar Sankranti. Donation has special significance on Makar Sankranti.


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