आइये जानते हैं तिरुपति बालाजी मंदिर से जुड़े कुछ आश्चर्यजनक तथ्य। आंध्रप्रदेश के तिरुमुला पहाड़ों में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों की गिनती में आता है। इस मंदिर के प्रति लोगों में काफी आस्था और मान्यता है और यहाँ भक्तों की भारी भीड़ आती है। इसी कारण यहाँ हर दिन काफी ज्यादा चढावा चढ़ता है।
आइये आज आपको इस मंदिर से जुडी कुछ ऐसी जानकारियां देते हैं जो वाकई हैरान कर देने वाली हैं।
तिरुपति बालाजी मंदिर से जुड़े कुछ आश्चर्यजनक तथ्य
1. तिरुपति बालाजी मंदिर में एक वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति है और इस मूर्ति के बारे में बोला जाता है की इस पर लगे बाल भगवान के असली बाल हैं जो ना कभी उलझते हैं और हमेशा मुलायम बने रहते हैं।
2. तिरुपति बालाजी मंदिर मंदिर में लगी बालाजी की मूर्ति में हमेशा नमी बनी रहती है और अगर इस मूर्ति के पीछे ध्यान से आवाज सुनी जाये तो झरने की आवाज सुनाई देती है।
3. इस मंदिर में एक छड़ी है और मान्यता के अनुसार यही वो छड़ी है जिससे भगवान की ठोड़ी पर चोट लगी थी और इसी के बाद से लोग इनके ऊपर हल्दी का लेप लगाने लगे। इसके अलावा बोला जाता है की इस छड़ी को भगवान के बाल रूप में उन्हें मारने के लिए उपयोग किया जाता था।
4. तिरुपति बालाजी मंदिर मंदिर में लगी मूर्ति भी काफी अद्भुत है जब इसे मंदिर के अंदर से देखा जाता है तो वो बीच में लगती है लेकिन अगर बाहर से देखें तो लगता है ये दायीं तरफ है।
5. इस मंदिर की मूर्ति पर जो भी तुलसी के पत्ते और फूल चढ़ाये जाते हैं वो वहां आये श्रद्धालुओं में ना बाँटकर वहां के पुजारियों द्वारा मंदिर परिसर के पीछे पुराने कुंड में फेंक दिए जाते हैं।
6. तिरुपति बालाजी मंदिर मूर्ति की एक अजीब सी खासियत है दरअसल ब्रहस्पति वार को मूर्ति पर सफेद चन्द्र से लेप किया जाता है और जब इस लेप को उतारा जाता है तब मूर्ति पर माता लक्ष्मी के चिन्ह बने हुए दिखाई देते हैं।
7. बताया जाता है की 18वीं शताब्दी में एक राजा ने 12 लोगों की हत्या कर उन्हें इस मंदिर पर लटका दिया था और तभी से इस मंदिर को 12 सालों तक बंद रखा गया था लेकिन फिर वेंकटेश्वर स्वामी प्रकट हुए थे और तब से ये मंदिर उनके दर्शन के लिए फिर से खोल दिया गया।
8. इस मंदिर में एक जलता हुआ दीपक है जो सदियों से जल रहा है लेकिन कोई नहीं जानता की ये दीपक कब और किसके द्वारा जलाया गया था।
9. इस मंदिर की मूर्ति की एक और बात चौंकाने वाली है, दरअसल इस मूर्ति पर चढाया जाने वाला पंचाई कर्पुरम एक ऐसा कपूर होता है जिसे अगर पत्थर पर रख दिया जाये तो पत्थर भी चटक जाता है लेकिन इस मंदिर की किसी भी मूर्ति पर इसका कोई प्रभाव नहीं होता और इसे भगवान के चमत्कार से जोड़ कर देखा जाता है।
10. इस मंदिर की मूर्ती पर जो भी पुष्पमालाएं चढ़ाई जाती हैं उन्हें मूर्ती के पीछे फेंक दिया जाता है और इसके पीछे मान्यता है की इनको देखना अशुभ और पाप है।
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1. मुख्यद्वार के दाएं और बालाजी के सिर पर अनंताळवारजी के द्वारा मारे गए निशान हैं। बालरूप में बालाजी को ठोड़ी से रक्त आया था, उसी समय से बालाजी के ठोड़ी पर चंदन लगाने की प्रथा शुरू हुई।
2. भगवान बालाजी के सिर पर आज भी रेशमी बाल हैं और उनमें उलझने नहीं आती और वह हमेशा ताजा लगते है।
3. मंदिर से 23 किलोमीटर दूर एक गांव है, उस गांव में बाहरी व्यक्ति का प्रवेश निषेध है। वहां पर लोग नियम से रहते हैं। वहां की महिलाएं ब्लाउज
नहीं पहनती। वहीं से लाए गए फूल भगवान को चढ़ाए जाते हैं और वहीं की ही अन्य वस्तुओं को चढाया जाता है जैसे- दूध, घी, माखन आदि।
4. भगवान बालाजी गर्भगृह के मध्य भाग में खड़े दिखते हैं मगर वे दाई तरफ के कोने में खड़े हैं बाहर से देखने पर ऎसा लगता है।
5. बालाजी को प्रतिदिन नीचे धोती और उपर साड़ी से सजाया जाता है।
6. गृभगृह में चढ़ाई गई किसी वस्तु को बाहर नहीं लाया जाता, बालाजी के पीछे एक जलकुंड है उन्हें वहीं पीछे देखे बिना उनका विसर्जन किया जाता है।
7. बालाजी की पीठ को जितनी बार भी साफ करो, वहां गीलापन रहता ही है, वहां पर कान लगाने पर समुद्र घोष सुनाई देता है।
8. बालाजी के वक्षस्थल पर लक्ष्मीजी निवास करती हैं। हर गुरुवार को निजरूप दर्शन के समय भगवान बालाजी की चंदन से सजावट की जाती है उस
चंदन को निकालने पर लक्ष्मीजी की छबि उस पर उतर आती है। बाद में उसे बेचा जाता है।
9. बालाजी के जलकुंड में विसर्जित वस्तुए तिरूपति से 20 किलोमीटर दूर वेरपेडु में बाहर आती हैं।
10. गर्भगृह मे जलने वाले चिराग कभी बुझते नही हैं, वे कितने ही हजार सालों से जल रहे हैं किसी को पता भी नही है।
11. बताया जाता है सन् 1800 में मंदिर परिसर को 12 साल के लिए बंद किया गया था। किसी एक राजा ने 12 लोगों को मारकर दीवार पर लटकाया था उस समय विमान में वेंकटेश्वर प्रकट हुए थे ऎसा माना जाता है।
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देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में तिरुपति बालाजी मंदिर अत्यंत प्रसिद्ध है। यहां की कई चमत्कारी कथाएं प्रचलित हैं। आइए जानें उनमे से कुछ आश्चर्यजनक चमत्कार:-
- भगवान बालाजी के सिर पर आज भी रेशमी बाल हैं और उनमें उलझने नहीं आती और वह हमेशा ताजा लगते है।
- मुख्यद्वार के दाएं और बालाजी के सिर पर अनंताळवारजी के द्वारा मारे गए निशान हैं। बालरूप में बालाजी को ठोड़ी से रक्त आया था, उसी समय से बालाजी के ठोड़ी पर चंदन लगाने की प्रथा शुरू हुई।
- बालाजी को प्रतिदिन नीचे धोती और उपर साड़ी से सजाया जाता है।
- बालाजी के वक्षस्थल पर लक्ष्मीजी निवास करती हैं। हर गुरुवार को निजरूप दर्शन के समय भगवान बालाजी की चंदन से सजावट की जाती है उस चंदन को निकालने पर लक्ष्मीजी की छबि उस पर उतर आती है। बाद में उसे बेचा जाता है।
- बताया जाता है सन् 1800 में मंदिर परिसर को 12 साल के लिए बंद किया गया था। किसी एक राजा ने 12 लोगों को मारकर दीवार पर लटकाया था उस समय विमान में वेंकटेश्वर प्रकट हुए थे ऎसा माना जाता है।
- मंदिर से 23 किलोमीटर दूर एक गांव है, उस गांव में बाहरी व्यक्ति का प्रवेश निषेध है। वहां पर लोग नियम से रहते हैं। वहां की महिलाएं ब्लाउज नहीं पहनती। वहीं से लाए गए फूल भगवान को चढ़ाए जाते हैं और वहीं की ही अन्य वस्तुओं को चढाया जाता है जैसे- दूध, घी, माखन आदि।
- गर्भगृह मे जलने वाले चिराग कभी बुझते नही हैं, वे कितने ही हजार सालों से जल रहे हैं किसी को पता भी नही है।
- बालाजी की पीठ को जितनी बार भी साफ करो, वहां गीलापन रहता ही है, वहां पर कान लगाने पर समुद्र घोष सुनाई देता है।
- बालाजी को प्रतिदिन नीचे धोती और उपर साड़ी से सजाया जाता है।
- भगवान बालाजी गर्भगृह के मध्य भाग में खड़े दिखते हैं मगर वे दाई तरफ के कोने में खड़े हैं बाहर से देखने पर ऎसा लगता है।
- बालाजी के जलकुंड में विसर्जित वस्तुए तिरूपति से 20 किलोमीटर दूर वेरपेडु में बाहर आती हैं।