श्री गणेश के बारे में रोचक तथ्य
– श्री गणेश को प्रथम पूज्य देव का स्थान प्राप्त है। किसी भी मांगलिक कार्य के शरू करने से पहले सभी भगवानों में सबसे प्रथम श्री गणेंश का वंदन किया जाता है।
– गणपति का जन्म भाद्रप्रद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को दोपहर 12 बजे हुआ था
– माता पार्वती ने पुत्र की प्राप्ति के लिए पुण्यक नामक उपवास किया था। इसी उपवास के चलते माता पार्वती को श्री गणेश पुत्र रूप में प्राप्त हुए।
– शिव महापुराण के अनुसार माता पार्वती को श्रीगणेश का निर्माण करने का विचार उन्हीं की सखी जया और विजया ने दिया था। जैसे नंदी शिव की आज्ञा का पालन करता है वैसे ही कोई होना चाहिये जो सिर्फ पार्वती के लिए समर्पित हो। इस विचार से प्रभावित होकर माता पार्वती ने श्रीगणेश की रचना अपने शरीर के मैल से की।
– शिव महापुराण के अनुसार श्रीगणेश को चढ़ाई जाने वाली दूर्वा , अंगुल लंबी तीन गांठों वाली और जड़रहित होनी चाहिए।
– शिवपुराण के अनुसार श्री गणेश के शरीर का रंग लाल तथा हरा है। लाल रंग शक्ति और हरा रंग समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए जहां गणेशजी हैं वहां शक्ति समृद्धि दोनों का वास है।
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– श्री गणेश ने महाभारत का लेखन किया था।वेदव्यास बोलते गये और गणेशजी लिखते गए।
– शिवमहापुराण के अनुसार श्रीगणेश की दो पत्नियां थीं रिद्धि और सिध्दि और उनके पुत्रों के नाम है शुभ और लाभ।
– शिवमहापुराण के अनुसार जब भगवान शिव त्रिपुर का नाश करने जा रहे थे, तब आकाशवाणी हुई कि जब तक आप श्रीगणेश का पूजन नहीं करेंगे, तब तक तीनों पुरों का संहार नहीं कर पाएगें। तब भगवान शिव ने भद्रकाली को बुलाकर गजानन का पूजन किया और युद्ध में विजय प्राप्त की।
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