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हनुमान गाथा Hanuman Gatha

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श्री महावीर हनुमान कथा हम आज सुनाते हैं 
पावन कथा सुनाते हैं महा रूद्र के अवतार 
हम गाथा गाते हैं  हम कथा सुनाते हैं 
हनुमान कथा जो सुनते  राम की कृपा वो पाते हैं 
महा रूद्र के अवतार की  हम गाथा गाते हैं 
श्री महावीर बजरंग बलि की गाथा गाते हैं 
हम कथा सुनाते हैं
जय राम दूत हनुमान 
बजरंग बलि महान 
जय राम भक्त हनुमान 
तेरी महिमा बड़ी महान
श्री केशर का विवाह 
श्री अंजना के संग हुआ पर कई बरस बीते संतान का
सुख नहीं मिला फिर पवन देव ने दोनों को 
एक युक्ति बतलायी शिव की शरण में जायो 
दोनों राह दिखलाई दोनों ने मिलकर शिव शंकर का 
आह्वाहन किया होकर प्रशन्न शिव भोले ने 
दोनों को दर्श दिया सारे सुख दिया प्रभु 
आपने कोई कमी नहीं पायी 
संतान का सुख नहीं मिला हमे यह मन में अकुलाई 
शिव शंकर दे वरदान अंतर्ध्यान हो जाते हैं 
श्री महावीर बजरंगबली की गाथा गाते हैं 
हम कथा सुनाते हैं 
जय राम दूत हनुमान 
बजरंग बलि महान 
जय राम भक्त हनुमान 
तेरी महिमा बड़ी महान

शिव शंकर ने फिर पवन देव कैलाश बुलवाये 
एक शक्ति पुंज पवन को देकर बात समझाए 
 यह शक्ति पुंज अंजना के गर्भ में स्थापित कर देना 
अंजना के गर्भ से मेरा रूद्र अवतार जन्म लेगा
केसरी के संग तुम भी इसके पिता कहलाओगे 
इस बालक के तुम पिता रूप में जाने जाओगे 
शिव की कृपा से अंजना का फिर गर्भाधान हुआ 
और एक वर्ष पश्चात यशस्वी बालक जन्म हुआ 
बजरंग इस बालक का नामकारण करवाते हैं 
उनका नाम रखाते हैं 
श्री महावीर बजरंग बलि 
की गाथा गाते हैं 
हम कथा सुनाते हैं
जय राम दूत हनुमान 
बजरंग बलि महान 
जय राम भक्त हनुमान 
तेरी महिमा बड़ी महान

बचपन से बजरंगी का बड़ा ही चंचल था स्वभाव
महलो में करते रहते थे बजरंग बहुत उत्पात 
शिव जी के रूद्र अवतार थे शक्ति अद्भुद पायी 
और पवन देव ने उड़ने की थी कला भी  सिखलाई
एक दिन उगते सूरज को बजरंग ने  ऊपर देखा 
फल समझ कर और उसके खाने का सोचा
पवन वेग से उड़ कर फिर पहुंचे सूरज के पास 
मुख में दबा लिया सूरज और फिर मच गया हाहाकर 
फिर इंद्रा ऐरावत चढ़ उनके पास वो आते हैं
 श्री महावीर बजरंग बलि 
की गाथा गाते हैं 
हम कथा सुनाते हैं
जय राम दूत हनुमान 
बजरंग बलि महान 
जय राम भक्त हनुमान 
तेरी महिमा बड़ी महान

इंद्र के समझाने पर भी जब बजरंग ना माने 
वज्र चलाऊ बालक पर ये मन ही मन ठाने 
वज्र चलाया बजरंग की ठोड़ी पर दे मारा 
दर्द से तड़प रहे हनुमत जी मिला ना कोई सहारा 
मूर्छित होकर गिरे धरा पर सारे घबराये 
पवन देव को सब जाकर ये बात बतलाये 
क्रोधित होकर प्राण वायु रोक दिया संचार 
देवो की विनती पर शांत हुए श्री पवन बलकार 
मुक्त किया सूरज को हनुमंत नाम पाते हैं
 श्री महावीर बजरंग बलि 
की गाथा गाते हैं 
हम कथा सुनाते हैं
जय राम दूत हनुमान 
बजरंग बलि महान 
जय राम भक्त हनुमान 
तेरी महिमा बड़ी महान

दिनोदिन बढ़ता रहा बजरंगी का उत्पात 
मातपिता ने सोचा इन्हे भेजा इन्हे गुरुओं के पास 
गुरुकुल में भी बजरंगी ने एक नहीं मानी 
खेल कूद करते रहते और करते रहते मनमानी 
समझाने पर भी गुरुओं की बात नहीं मानी 
श्राप इनको दे डालू गुरु वर ने मन में ठानी 
जिस शक्ति पर तुमको हनुमंत इतना है अभिमान 
भूल जाओगे सबकुछ एक दिन बात मेरी लो 
श्राप गुरु से पाकर हनुमंत फिर डर जाते हैं
 श्री महावीर बजरंग बलि 
की गाथा गाते हैं 
हम कथा सुनाते हैं
जय राम दूत हनुमान 
बजरंग बलि महान 
जय राम भक्त हनुमान 
तेरी महिमा बड़ी महान

शांत हो गया जो हनुमंत का जो चंचल था स्वभाव 
राम नाम की ज्योति जगा ली अपने भीतर ख़ास 
ब्रह्मा जी से सब वेदों की शिक्षा ले डाली 
सभी देवों की कृपा दृष्टि फिर हनुमंत ने पा ली 
उधर अयोध्या में विष्णु ने राम लिया अवतार 
श्री राम से मिलने का आया था मन में विचार 
शिव शंकर को जाकर अपनी इच्छा थी जतलाई 
राम मिलन की शिव शंकर ने युक्ति  बतलायी
रूप मदारी का शिव भोले अपना बनाते
 श्री महावीर बजरंग बलि 
की गाथा गाते हैं 
हम कथा सुनाते हैं
जय राम दूत हनुमान 
बजरंग बलि महान 
जय राम भक्त हनुमान 
तेरी महिमा बड़ी महान

पहुंचे अयोध्या शिव शंकर फिर डमरू बजाते हैं 
छोटा वानर बन बजरंगी खेल दिखाते हैं 
दशरथ महल के बाहर जाकर डमरू बजाय है 
राम लखन और भरत सहित शत्रुघ्न के मन भाया है 
बालक राम ने हठ करि ये बालक में लूंगा 
इसके बदले मदारी को में धन दे दूंगा 
बालक राम ने हनुमंत को फिर गले लगाया है 
राजा दशरथ ने चारों को फिर समझाया है 
छोड़ने को वानर को रामजी मान जाते हैं
 श्री महावीर बजरंग बलि 
की गाथा गाते हैं 
हम कथा सुनाते हैं
जय राम दूत हनुमान 
बजरंग बलि महान 
जय राम भक्त हनुमान 
तेरी महिमा बड़ी महान

राम जी तो इस धरा पर लीला करने आये थे 
लीला करते ऋषि मुख पर्वत पर ध्याये थे 
हनुमान ने काँधे पर दोनों को बैठाया है 
और राजा सुग्रीव के सन्मुख में पहुंचाया है 
राम और सुग्रीव की फिर मैत्री करवाई 
बाली ने फिर राम के हाथों मुक्ति है पायी 
सीता मा को खोजते हनुमंत तट पर आये हैं 
देख विशाल समुन्द्र को हनुमंत घबराये हैं 
गुरुवर के दिए श्राप आज लीला दिखलाते हैं 
 श्री महावीर बजरंग बलि 
की गाथा गाते हैं 
हम कथा सुनाते हैं
जय राम दूत हनुमान 
बजरंग बलि महान 
जय राम भक्त हनुमान 
तेरी महिमा बड़ी महान

जामवंत जब याद दिलाया शक्ति याद आयी 
श्री राम का नाम लिया और कूद लगाई 
पवन वेग से उड़ चले हनुमंत लंका की और 
श्री राम के जयकारों का गूंज रहा था शोर 
सुरसा और मेनाग से मिलकर लंका में आये 
लंकिनी को मारा और फिर लंका में धाये 
लंका में माँ सीता का कुछ पता ना पाया है 
राम भक्त विभीषण ने फिर पता बताया है 
वन अशोक में हनुमंत  फिर सीता को पाते हैं
 श्री महावीर बजरंग बलि 
की गाथा गाते हैं 
हम कथा सुनाते हैं
जय राम दूत हनुमान 
बजरंग बलि महान 
जय राम भक्त हनुमान 
तेरी महिमा बड़ी महान

श्री राम की मुद्री माँ सीता को दिखलाई 
माँ सीता से हनुमंत ने आशीष है पायी 
 वन में फल और फूल देख कर भूख लग आयी 
आज्ञा हो तो कुछ फल में खा लूँ सीता माई 
माँ की आज्ञा पाते ही बन बाग़ उजाड़ा है 
रावण के बेटे अक्षय को मार गिराया है 
नाग फाँस में मेघनाथ ने इनको बंधवाया
रावण के दरबार बजरंगी को है पहुंचाया
पूँछ के आसन बजरंगी बैठ जाते हैं
श्री महावीर बजरंग बलि 
की गाथा गाते हैं 
हम कथा सुनाते हैं
जय राम दूत हनुमान 
बजरंग बलि महान 
जय राम भक्त हनुमान 
तेरी महिमा बड़ी महान

श्री राम की महिमा जब हनुमंत ने गायी
क्रोध में रावण ने पूँछ में आगलगवाई 
सोने की रावण की लंका राख बनायी है 
राम नाम की शक्ति लंका को दिखलाई है 
चूड़ामणि लेकर सीता से राम के पास चले 
जैसे ही राम ने देखा उनको गले लगाया है 
तुम मेरे भाई हो जैसे भरत समान 
भाई कहकर श्री हनुमंत का राम किये सम्मान 
सीता की सुध पाकर राम जी खुश हो जाते हैं
श्री महावीर बजरंग बलि 
की गाथा गाते हैं 
हम कथा सुनाते हैं
जय राम दूत हनुमान 
बजरंग बलि महान 
जय राम भक्त हनुमान 
तेरी महिमा बड़ी महान

नल नील के हाथों फिर सेतु बंधवाये हैं 
लंका पहुँच कर जय श्री राम नारा लगवाया है 
 मेघनाथ की शक्ति से लक्ष्मण मुर्छाएं हैं 
वैद शुशैद को हनुमान लंका से लाये हैं 
सुबह होने से पहले बूटी संजीवन जो लाये 
तभी लक्ष्मण के प्राण प्रभु श्री राम बच पाए 
पवन वेग से उड़ चले फिर बूटी लाने को 
श्री राम के भाई लखन के प्राण बचाने को 
सुबह से पहले ही हनुमान बूटी ले आते हैं 
संजीवनी लाते हैं 
श्री महावीर बजरंग बलि 
की गाथा गाते हैं 
हम कथा सुनाते हैं
जय राम दूत हनुमान 
बजरंग बलि महान 
जय राम भक्त हनुमान 
तेरी महिमा बड़ी महान

यही रावण जब राम लखन पाताल सिधाया है 
मारा अहि रावण को प्रभु के प्राण बचाये हाँ 
श्री राम ने मारा रावण और विजय पायी

पुष्पक पर बैठे राम सीता और लखन भाई 
हनुमान ने शुभ संदेशा भरत को पहुंचाया 
भरत ने भी फिर हनुमान को गले से लगाया 
दीप जले सारी नगरी में राम आएंगे 
बैठ सिंघासन भक्तजनों को पार लगाएंगे 
राजतिलक की तैयारी में सब लग जाते हैं 
श्री महावीर बजरंग बलि 
की गाथा गाते हैं 
हम कथा सुनाते हैं
जय राम दूत हनुमान 
बजरंग बलि महान 
जय राम भक्त हनुमान 
तेरी महिमा बड़ी महान


सीता सहित बैठे सिंघासन राम रघुयाई 
भरत और शत्रुघ्न फिर चंवर है ढुराई 
भाई लखन फूलों की वर्षा आज करते हैं 
ढोल नगाड़े आज अयोध्या नगरी बजते हैं 
राम चरण की सेवा श्री हनुमान जी पाए 
चीर सीना राम सिया का दर्शन करवाए 
राम भक्त कोई हनुमान सा और नहीं दूजा 
खुश हो जाते हुनमान जहाँ होती राम पूजा 
हर युग में है हनुमान सारे वेद बताते हैं
श्री महावीर बजरंग बलि 
की गाथा गाते हैं 
हम कथा सुनाते हैं
जय राम दूत हनुमान 
बजरंग बलि महान 
जय राम भक्त हनुमान 
तेरी महिमा बड़ी महान
-जय श्री सालासर बालाजी-

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