Budhhi aur gyan ki devi mata Saraswati ka mandir
बुद्धि और ज्ञान की देवी माता सरस्वती जिनको की हम वसंत पंचमी पर विशेष रूप से पूजते है। माता सरस्वती को समर्पित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर भारत में कर्नाटक के पवित्र शहर श्रृंगेरी में श्री शरदम्बा माता मंदिर के नाम से है। श्रृंगेरी के शरदम्बा मंदिर की स्थापना श्री आदि शंकराचार्य ने 8 वीं शताब्दी में की थी। उस समय मंदिर में आदि शंकराचार्य द्वारा शारदाम्बा की खड़ी मुद्रा में चंदन की प्रतिमा लगाई थी।
14 वीं शताब्दी विजयनगर के शासकों और श्री विद्यारण्य (12 वें जगद्गुरु) ने इसी मंदिर में श्री शारदंबा की चन्दन की मूर्ति के स्थान पर श्री शारदंबा की एक सोने की मूर्ति स्थापित की जो की बैठी मुद्रा में थी। ऐसा माना जाता है कि देवी शरदम्बिका देवी सरस्वती का अवतार हैं, जो पृथ्वी पर उभा भारती के रूप में आई थीं। यह एक आम विश्वास है कि उसकी पूजा करने से व्यक्ति ब्रह्मा, शिव और विष्णु के साथ-साथ पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है।
2-5 वर्ष की आयु के बच्चों के माता-पिता को एक स्लेट और चाक या वैकल्पिक रूप से चावल की एक थाली दी जाती है, जिस पर वे देवी सरस्वती और गुरु से प्रार्थना करते हैं कि वे अपने बच्चों को अच्छा ज्ञान और शिक्षा प्रदान करें। यह माना जाता है कि भगवान शिव ने स्फटिक चंद्रमौलेश्वर लिंग को श्री आदि शंकराचार्य को उपहार में दिया था। स्फटिक से निर्मित लिंग के दर्शन हर शुक्रवार 8:30 बजे होने वाली पूजा में किये जा सकते हैं।
बुद्धि और ज्ञान की देवी माता सरस्वती का
बुद्धि और ज्ञान की देवी माता सरस्वती का मंदिर
Temple of Mata Saraswati, Goddess of Wisdom and Knowledge
buddhi aur gyaan kee devee maata sarasvatee ka mandir