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Navratri 2021: दो तिथियां एक साथ [ 8 दिन की शारदीय नवरात्रि ]

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Shardiya Navratri 2021 Date: शारदीय नवरात्रि यानि मां दुर्गा के पवित्र नौ दिन. हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप का पूजन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. इस साल शारदीय नवरात्रि आठ दिन के हैं. इस बार चतुर्थी और पंचमी तिथि एक साथ पड़ रही है, ऐसे में 7 अक्टूबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र 14 अक्टूबर तक रहेंगे और 15 अक्टूबर को विजयदशमी यानी दशहरा मनाया जाएगा. 


Shardiya Navratri 2021 Date: ​शारदीय नवरात्रि यानि मां दुर्गा के पवित्र नौ दिन. हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप का पूजन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. इस साल शारदीय नवरात्रि आठ दिन के हैं. कारण है कि इस बार चतुर्थी और पंचमी तिथि एक साथ पड़ रही है, ऐसे में 7 अक्टूबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र 14 अक्टूबर तक रहेंगे और 15 अक्टूबर को विजयदशमी यानी दशहरा मनाया जाएगा.



इसलिए 8 दिन के हैं नवरात्रि (8 Days Navratri)


ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि वैसे तो दुर्गे मां के सभी नौ दिन बेहद शुभ हैं. पर इस बार नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार के दिन से हो रही है. सर्वपितृ अमावस्या के साथ 6 अक्टूबर को श्राद्ध समाप्त हो रहे हैं. इसके अगले दिन यानि 7 अक्टूबर 2021 दिन गुरुवार से नवरात्रि प्रारंभ हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि एक ही दिन में दो तिथियां पड़ने से शारदीय नवरात्रि 8 दिन तक चलेंगे. 9 अक्टूबर दिन शनिवार को तृतीया सुबह 7 बजकर 48 मिनट तक रहेगी, इसके बाद चतुर्थी शुरू हो जाएगी, जो अगले दिन 10 अक्टूबर दिन रविवार को सुबह 5 बजे तक रहेगी. उन्होंने बताया कि इस बार देवी मां के पूजन की शुरुआत गुरुवार के दिन से हो रही है, जो पूजा व आध्यात्मिक उन्नति के लिए शुभ है. उन्होंने बताया कि नवरात्र की शुरुआत चित्रा नक्षत्र में हो रही है, जिससे साधाना, साहस और संतोष प्राप्त होगा.


शारदीय नवरात्रि की तिथियां (Shardiya Navratri 2021 Date):


  • पहला दिन 7 अक्टूबर 2021: मां शैलपुत्री की पूजा

उन्हें लाल फूल, सिंदूर, अक्षत, धूप आदि चढ़ाएं. फिर माता के मंत्रों का उच्चारण करें, दुर्गा चालीसा का पाठ करें, पूजा के अंत में गाय के घी के दीपक या कपूर से आरती करें. मां शैलपुत्री को सफेद रंग बेहद प्रिय है इसलिए उन्हें सफेद रंग की बर्फी का भोग लगाएं.



  • दूसरा दिन 8 अक्टूबर 2021: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

हजारों वर्षों तक अपनी कठिन तपस्या के कारण ही इनका नाम तपश्चारिणी या ब्रह्मचारिणी पड़ा। अपनी इस तपस्या की अवधि में इन्होंने कई वर्षों तक निराहार रहकर और अत्यन्त कठिन तप से महादेव को प्रसन्न कर लिया। उनके इसी तप के प्रतीक के रूप में नवरात्र के दूसरे दिन इनके इसी रूप की पूजा और स्तवन किया जाता है।

  • तीसरा दिन 9 अक्टूबर 2021: मां चंद्रघंटा व मां कुष्मांडा की पूजा

मां चंद्रघंटा: गंगाजल छिड़ककर इस स्‍थान को शुद्ध करें. वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा मां चंद्रघंटा (Chandraghanta) सहित समस्त स्थापित देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें. मां को गंगाजल, दूध, दही, घी शहद से स्‍नान कराने के पश्‍चात वस्‍त्र, हल्‍दी, सिंदूर, पुष्‍प, चंदन, रोली, मिष्‍ठान और फल का अर्पण करें.

मां कुष्मांडा: मां कूष्मांडा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं। मां कूष्माण्डा देवी के भक्ति से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है। मां कूष्माण्डा देवी अत्यल्प सेवा और भक्ति से प्रसन्न होती हैं। मां कुष्मांडा की पूजा से बुध ग्रह मजबूत होता है।

  • चौथा दिन 10 अक्टूबर 2021: मां स्कंदमाता की पूजा

शास्त्रों के अनुासर, इनकी कृपा से मूढ़ भी ज्ञानी हो जाता है। पहाड़ों पर रहकर सांसारिक जीवों में नवचेतना का निर्माण करने वालीं देवी हैं स्कंदमाता। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम से भी जाना जाता है।

  • पांचवां दिन 11 अक्टूबर 2021: मां कात्यायनी की पूजा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां कात्यायनी की पूजा- अर्चना करने से विवाह में आ रही परेशानियां दूर हो जाती हैं। मां कात्यायनी की पूजा करने से कुंडली में बृहस्पति मजबूत होता है। मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाने से सुंदर रूप की प्राप्ति होती है।

  • छठवां दिन 12 अक्टूबर 2021: मां कालरात्रि की पूजा

देवी कालरात्रि पूजा ब्रह्ममुहूर्त में ही की जाती है. वहीं तंत्र साधना के लिए तांत्रिक मां की पूजा आधी रात में करते हैं इसलिए सूर्योदय से पहले ही उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं. पूजा करने के लिए सबसे पहले आप एक चौकी पर मां कालरात्रि का चित्र या मूर्ति स्थापित करें. इसके बाद मां को कुमकुम, लाल पुष्प, रोली आदि चढ़ाएं.

  • सातवां दिन 13 अक्टूबर 2021: मां महागौरी की पूजा

नवरात्र के आठवें दिन मां के आठवें स्वरूप महागौरी की उपासना की जाती है. मां की चार भुजाएं हैं. वह अपने एक हाथ में त्रिशूल धारण किए हुए हैं, दूसरे हाथ से अभय मुद्रा में हैं, तीसरे हाथ में डमरू सुशोभित है तथा चौथा हाथ वर मुद्रा में है. मां का वाहन वृष है. साथ ही मां का वर्ण श्वेत है.

  • आठवां दिन 14 अक्टूबर 2021: मां सिद्धिदात्री की पूजा

दुर्गासप्तशती के नवें अध्याय के साथ मां सिद्धिदात्री की पूजन करना चाहिए। इस दिन मौसमी फल, हलवा-चना, पूड़ी, खीर और नारियल का भोग लगाया जाता है। साथ ही नवरात्र के अंतिम दिन उनके वाहन, हथियार, योगनियों और अन्य देवी-देवताओं के नाम से हवन-पूजन करना चाहिए, इससे मां प्रसन्न होती हैं और भाग्य का उदय भी होता है।


15 अक्टूबर 2021: विजयादशमी (दशहरा)

Friday, 15 October Dussehra 2021 in India


  • हिंदू पचांग के अनुसार, विजय दशमी या दशहरा का पर्व दिवाली से 20 दिन पूर्व मनाया जाता है. इस साल दशहरा 15 अक्टूबर 2021, दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा. पुरूषोत्तम भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था. कुछ लोग इस त्योहार को आयुध पूजा (शस्त्र पूजा) के रूप में भी मनाते हैं.


  • अश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है।



घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त (Shardiya Navratri 2021 Ghatsthapana shubh muhurat):

नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना के साथ देवी मां का पूजन शुरू किया जाता है. घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष रूप से ध्यान रखें. 7 अक्टूबर को घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 17 मिनट से सुबह 7 बजकर 7 मिनट तक का है. इसी समय घटस्थापना करने से नवरात्रि फलदायी होते हैं.  

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