हिन्दू धर्म में वैसे तो करोड़ों देवी-देवता माने गए हैं, लेकिन कुछ ही देवता ऐसे हैं तो सबसे ज्यादा पूजे जाते हैं। इन देवी-देवताओं की पूजा करने पर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। जानिए ये 10 देवी-देवता कौन-कौन हैं...
1. शिवजी
शिवपुराण के अनुसार शिवजी की इच्छा मात्र से ब्रह्माजी ने इस सृष्टि की रचना की है। भगवान विष्णु सृष्टि का पालन कर रहे हैं। शिवजी को संहारक माना गया है। शिवजी सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं, ये मात्र एक लोटे पानी से भी भक्त की मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं। देशभर में 12 ज्योतिर्लिंग और चार धामों में से एक रामेश्वरम् शिवजी का है। इन मंदिरों में बड़ी संख्या में शिव भक्त पहुंचते हैं।
2. गणेशजी
शिवजी के वरदान से गणेशजी प्रथम पूज्य देव माने हैं। हर काम की शुरुआत इनकी पूजा के साथ ही होती है। किसी भी देवी-देवता की पूजा की जाती है तो सबसे पहले गणेशजी की पूजा अवश्य होती है। इनकी पूजा से सभी काम बिना किसी बाधा के पूरे होते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिए महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा अष्ट विनायक की पूजा की जाती है।
3. भगवान विष्णु
भगवान विष्णु के भक्तों की भी संख्या काफी अधिक है। भगवान विष्णु धन की देवी लक्ष्मी के पति हैं। इस कारण इनकी पूजा से महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। धन संबंधी कामों में सफलता और सभी सुख-सुविधाएं पाने करने के लिए श्रीहरि की पूजा की जाती है। चार धामों में से 3 धाम भगवान विष्णु के ही हैं, जहां हजारों-लाखों भक्त भगवान के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
4. श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं और इनका बाल स्वरूप लड्डू गोपाल अधिकतर लोग अपने घर के मंदिर में रखते हैं। लड्डू गोपाल की विधिवत पूजा से भक्तों की सभी समस्याएं खत्म हो सकती हैं। मथुरा, तिरुपति बालाजी श्रीकृष्ण के सबसे खास तीर्थ हैं।
5. मां दुर्गा
देवी दुर्गा पंचदेवों में शामिल हैं। इनकी पूजा से सभी प्रकार की नकारात्मकता और डर दूर होता है। मां दुर्गा शिवजी की शक्ति मानी गई हैं। इसी वजह से देवी मां के भक्तों की भी संख्या काफी अधिक है। देवी मां के कुल 51 शक्तिपीठ हैं, जहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।
6. मां लक्ष्मी
जो लोग धन का सुख पाना चाहते हैं, वे माता लक्ष्मी की पूजा जरूर करते हैं। विष्णु पुराण के अनुसार देवी लक्ष्मी की कृपा के बिना व्यक्ति दरिद्र बना रहता है, इस कारण इनकी पूजा काफी लोग करते हैं।
7. श्रीराम
भगवान श्रीराम की पूजा से पति-पत्नी के बीच प्रेम बना रहता है। ये भी श्रीहरि के ही अवतार हैं। श्रीराम की पूजा से सभी प्रकार के भय और दुख दूर होते हैं।
8. हनुमानजी
श्रीराम के परम भक्त और शिवजी के अंशावतार हैं हनुमानजी। हनुमानजी अमर माने गए हैं और कलियुग में सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता है। इनकी पूजा नियमित रूप से करते रहने से दुर्भाग्य, बुरी नजर, कुंडली के दोष दूर हो सकते हैं।
9. सूर्यदेव
सूर्य पंचदेवों में से एक हैं और एक मात्र साक्षात दिखाई देने वाले देवता हैं। सूर्य नौ ग्रहों के राजा हैं। इनकी पूजा से घर-परिवार में मान-सम्मान मिलता है और कुंडली के दोष दूर होते हैं। रोज सुबह सूर्य को जल चढ़ाकर इनकी पूजा की जाती है।
10. शनिदेव
ज्योतिष में शनि को ग्रहों का न्यायाधीश माना गया है। ये ग्रह ही हमारे कर्मों का फल प्रदान करता है। इसीलिए हर शनिवार तेल का दान किया जाता है। शनिदेव की कृपा से कुंडली के दोष और कार्यों की बाधाएं कम होती हैं।
1. शिवजी
शिवपुराण के अनुसार शिवजी की इच्छा मात्र से ब्रह्माजी ने इस सृष्टि की रचना की है। भगवान विष्णु सृष्टि का पालन कर रहे हैं। शिवजी को संहारक माना गया है। शिवजी सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं, ये मात्र एक लोटे पानी से भी भक्त की मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं। देशभर में 12 ज्योतिर्लिंग और चार धामों में से एक रामेश्वरम् शिवजी का है। इन मंदिरों में बड़ी संख्या में शिव भक्त पहुंचते हैं।
2. गणेशजी
शिवजी के वरदान से गणेशजी प्रथम पूज्य देव माने हैं। हर काम की शुरुआत इनकी पूजा के साथ ही होती है। किसी भी देवी-देवता की पूजा की जाती है तो सबसे पहले गणेशजी की पूजा अवश्य होती है। इनकी पूजा से सभी काम बिना किसी बाधा के पूरे होते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिए महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा अष्ट विनायक की पूजा की जाती है।
3. भगवान विष्णु
भगवान विष्णु के भक्तों की भी संख्या काफी अधिक है। भगवान विष्णु धन की देवी लक्ष्मी के पति हैं। इस कारण इनकी पूजा से महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। धन संबंधी कामों में सफलता और सभी सुख-सुविधाएं पाने करने के लिए श्रीहरि की पूजा की जाती है। चार धामों में से 3 धाम भगवान विष्णु के ही हैं, जहां हजारों-लाखों भक्त भगवान के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
4. श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं और इनका बाल स्वरूप लड्डू गोपाल अधिकतर लोग अपने घर के मंदिर में रखते हैं। लड्डू गोपाल की विधिवत पूजा से भक्तों की सभी समस्याएं खत्म हो सकती हैं। मथुरा, तिरुपति बालाजी श्रीकृष्ण के सबसे खास तीर्थ हैं।
5. मां दुर्गा
देवी दुर्गा पंचदेवों में शामिल हैं। इनकी पूजा से सभी प्रकार की नकारात्मकता और डर दूर होता है। मां दुर्गा शिवजी की शक्ति मानी गई हैं। इसी वजह से देवी मां के भक्तों की भी संख्या काफी अधिक है। देवी मां के कुल 51 शक्तिपीठ हैं, जहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।
6. मां लक्ष्मी
जो लोग धन का सुख पाना चाहते हैं, वे माता लक्ष्मी की पूजा जरूर करते हैं। विष्णु पुराण के अनुसार देवी लक्ष्मी की कृपा के बिना व्यक्ति दरिद्र बना रहता है, इस कारण इनकी पूजा काफी लोग करते हैं।
7. श्रीराम
भगवान श्रीराम की पूजा से पति-पत्नी के बीच प्रेम बना रहता है। ये भी श्रीहरि के ही अवतार हैं। श्रीराम की पूजा से सभी प्रकार के भय और दुख दूर होते हैं।
8. हनुमानजी
श्रीराम के परम भक्त और शिवजी के अंशावतार हैं हनुमानजी। हनुमानजी अमर माने गए हैं और कलियुग में सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता है। इनकी पूजा नियमित रूप से करते रहने से दुर्भाग्य, बुरी नजर, कुंडली के दोष दूर हो सकते हैं।
9. सूर्यदेव
सूर्य पंचदेवों में से एक हैं और एक मात्र साक्षात दिखाई देने वाले देवता हैं। सूर्य नौ ग्रहों के राजा हैं। इनकी पूजा से घर-परिवार में मान-सम्मान मिलता है और कुंडली के दोष दूर होते हैं। रोज सुबह सूर्य को जल चढ़ाकर इनकी पूजा की जाती है।
10. शनिदेव
ज्योतिष में शनि को ग्रहों का न्यायाधीश माना गया है। ये ग्रह ही हमारे कर्मों का फल प्रदान करता है। इसीलिए हर शनिवार तेल का दान किया जाता है। शनिदेव की कृपा से कुंडली के दोष और कार्यों की बाधाएं कम होती हैं।