नवरात्रि के दिनों में उपवास करने का मुख्य कारण होता है की प्राण शक्ति सिर्फ भोजन पचाने में ही व्यस्त ना हो जाए, उसका उपयोग शरीर और मन की समस्याओं को दूर कर उसे शक्ति प्रदान करने में हो, इसीलिए बहुत से बुद्धिजीवी और संत मौन धारण करते है, कई लोग यात्राओं से बचते है यहां तक कि फालतू की मेल मुलाकातों से बचने के लिए गुप्त वास पर चले जाते है।
आज के समय में शक्ति का सावर्धिक उपयोग (दुरुपयोग) होता है मोबाइल फोन में, लोग उपवास करते है पर अपनी शक्ति (रचनात्मकता) और ऊर्जा को फोन में झोंक देते है। आवश्यक है भोजन के उपवास के साथ व्यर्थ वार्तालाप, फोन के उपयोग और सोशल मीडिया के उपयोग पर भी अंकुश लगाया जाए तभी आज के समय के हिसाब से वास्तविक उपवास होगा।