वह महादेव, जिनकी दृष्टि मे देव, दानव और मानव सभी समान है। जिन्होंने कमल और धतूरे मे, भस्म एवं चंदन मे कभी अंतर नहीं किया ।
सादा जीवन उच्च विचार वाला सिद्धांत भी शिव से ही शुरू हुआ था । वस्त्रों के स्थान पर कुछ पहनने का मन हुआ तो बाघ - तेंदुए की खाल पहन ली। रहने के लिए बहुत से स्थान है जैसे - कैलाश, काशी, श्मशान एवं वन । ऐसा कोई देवता बता दो, जो केवल एक बेलपत्र या थोड़े से जल से प्रसन्न हो जाते हो । जिन्हें किसी कठिन व्रत, नियम, अनुष्ठान आदि की आवश्यकता न हो ।
प्रभु शिव सरलता की पराकाष्ठा हैं । दिखावा पसंद नहीं करते, वरना आप ही बताइए कि अपनी ही बारात मे बैल पर सवार होकर, बाघ की खाल, नाग एवं मुंडमाला पहने, भस्म लगाए हुए देवों एवं मुनियों के साथ भूत पिशाच को बाराती बनाकर कौन आ सकता हैं ।
अपनी ही पत्नी के सामने कतार लगाकर, विनम्र भाव से अन्न की भिक्षा मांगकर अपने भक्तों को भोजन परोसने वाले देवता शायद ही कभी देखें गए हो ।
एक आदर्श पति जिसकी चाह हर युवती को हैं ।
एक पति जिसने अपनी पत्नी के सम्मान मे दक्ष का यग्य नष्ट कर डाला, अंधकासुर का वध कर डाला। एक पत्नी धारी, पार्वती के अलावा किसी अन्य सुंदरी को देखा तक नहीं ।
एक आदर्श प्रेमी, योग्य पति, चिकित्सक, योद्धा, पिता, देवता, दाता, भक्त वत्सल, नर्तक, संगीतज्ञ, वादक , सरलता की मूर्ति, त्याग का पर्याय । कुछ शब्द मे कहु तो सर्वश्रेष्ठ, सर्वकलानिधान, अद्वितीय एवं अकल्पनिय ।